Wednesday, November 30, 2016

Saturday, October 8, 2016

http://www.shabdankan.com/2016/08/alok-paradkar-on-deo-prakash-choudharys-art.html

Monday, July 25, 2016

90 में प्रख्यात आलोचक नामवर सिंह
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नामवर सिंह होने के कई मतलब हैं।
एक ऐसा आदमी, जिसके दिल में बनारस धड़कता है। एक ऐसा आदमी, जिसके चिन्तन में जिंदगी के ठोस और विशिष्ट अनुभव हैं। एक ऐसा आदमी, जिसका उत्साह कभी मंद नहीं पड़ता। वे साहित्य में अर्थों के बखान के नहीं, अर्थों के गूंजों और अनुगूंजों के ऐसे आलोचक हैं जो झोपड़ी से महल तक मौजूद दिखते हैं, रमते हैं और वाचते हैं। विवाद साथ लेकर चलते हैं । कृपा बरसाने का कौशल भी उन्हें मालूम है।
सच यह भी है आलोचना में 'दाखिल और खारिज' करने के स्थाई कर्म के अतिरिक्त समाज में रचना के लिए जगह बनाने की उनकी कोशिश उन्हें विरला बनाती है, क्योंकि आलोचना का एक जरूरी काम समाज में रचना के लिए दरवाजा खोलना भी है।  
वाराणसी से तीस मील दूर चंदौली जिले के छोटे से गांव में 28 जुलाई 1927 को जन्म हुआ। अब वे अब 90 साल के हो रहे हैं। 
इस मौके पर बहुवचन का अंक उनपर केंद्रित है। 

BAHUVACHAN-JULY-SEPT. 2016
Cover designed by Deo Prakash Choudhary

Wednesday, June 29, 2016

Friday, May 6, 2016

सबसे पुराने बक्से से

सबसे पुराने बक्से से
कवि-शिखा सिंह
मेधा बुक्स, नई दिल्ली
कवर डिजायन-देव प्रकाश चौधरी